आप सभी को हरियाणा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
हरियाणा दिवस (Haryana Day 2024) हरियाणा वासियों के लिए किसी त्योहार से कम नहीं है। 1 नवंबर 1966 में हरियाणा राज्य की स्थापना हुई थी। हरियाणा राज्य का जन्म पंजाब से हुआ है। 1966 में पंजाब तथा हरियाणा के क्षेत्रों को विभाजित किया गया था जिसे हरियाणा वासी प्रत्येक वर्ष बड़े ही हर्षोउल्लास के साथ 1 नवंबर को हरियाणा दिवस के रूप में मनाते हैं।
हरियाणा का पूर्व नाम तथा इतिहास (History)
माना जाता है कि हरियाणा प्राचीन काल में ब्रह्मवर्त, आर्यवर्त तथा ब्रह्मोपदेस के नाम से विख्यात था। हरियाणा में कई राजाओं ने राज किया जिनमें से गुप्त सम्राज्य सर्वप्रथम था, उसके बाद अन्य कई राजाओं का शासनकाल रहा जैसे पुष्यभूति वंश, गुर्जर प्रतिहार राजवंश, तोमर वंश, मुगल, दुर्रानी, मराठा सम्राज्य। अंत मे ग्वालियर राज्य तथा ब्रिटिश राज।
हरियाणा एक प्राचीन नाम है जिसका अभिप्राय देवता से है। “हरि” अर्थात भगवान “याणा” अर्थात अवतरित होना। इससे स्पष्ट है कि धन्य है ये भूमि जहां पर भगवान का निवास है। जो वर्तमान समय में संत रामपाल जी भगवान हैं जिनको यहां की निवासी अज्ञानतावश समझ नहीं पा रहे।
हरियाणा दिवस 2024: संस्कृति और परंपराओं का महोत्सव
हरियाणा दिवस हर साल 1 नवंबर को मनाया जाता है, जो 1966 में पंजाब से अलग होकर हरियाणा के स्वतंत्र राज्य बनने की ऐतिहासिक घटना को याद करता है। इस दिन हरियाणा में उत्सव और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम होती है। साइकिल रैलियों से लेकर पाक कला प्रतियोगिताओं तक, राज्य भर में अनेक आयोजन होते हैं, जो हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को उजागर करते हैं।
चंडीगढ़ से पंचकूला तक की साइकिल रैलियाँ और पारंपरिक हरियाणवी व्यंजनों की पाक प्रतियोगिताएं इस दिन की खासियत होती हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हरियाणवी संगीत और नृत्य की प्रस्तुतियाँ लोगों का मन मोह लेती हैं। समाज सेवा के उद्देश्य से रक्तदान शिविर और रन फॉर फन जैसी गतिविधियाँ भी आयोजित की जाती हैं। राज्य की प्रमुख इमारतों को रंगीन रोशनी से सजाया जाता है, जो पूरे राज्य में उत्सव का माहौल बनाता है। हरियाणा के गठन में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में पंजाब सीमा आयोग की भूमिका महत्वपूर्ण रही, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर हरियाणा का गठन हुआ।
राज्य निर्माण के लिए Commission का गठन
23 अप्रैल 1966 को पंजाब राज्य को विभाजित करने और नये हरियाणा राज्य की सीमाए निर्धारित करने के लिए भारत सरकार ने जे.सी. शाह की अध्यक्षता में शाह कमीशन की स्थापना की। 31 मई 1966 को कमीशन ने अपनी रिपोर्ट जारी की जिसके अनुसार करनाल, गुडगाँव, रोहतक, महेंद्रगढ़ और हिसार जिलों को नये राज्य हरियाणा का भाग बनाया गया। साथ ही इसमें संगरूर जिले की जींद और नरवाना तहसील और नारैनगढ़, अम्बाला और जगाधरी तहसील को भी शामिल किया गया।
Haryana Diwas 2024 [Hindi]: हरियाणा की अर्थव्यवस्था
हरियाणा कृषि प्रधान क्षेत्र है जिसमें कृषि उत्पादन के लिए काफी जमीन है जो खेती के लिए काफी उपजाऊ भी है। कृषि प्रधान क्षेत्र होने की वजह से इसे ग्रीन लैंड कहा जाता है (Green land of India)। यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती है जिसमें तकरीबन एक चौथाई आबादी खेती करती है। हरियाणा में तिलहन, कपास, गन्ना, आलू, दालें, जौ, ज्वार, बाजरा इत्यादि फसलें उगाई जाती हैं तथा गेहूं और चावल यहां की प्रमुख फसलें हैं जिनका काफी मात्रा में निर्यात होता है। इसके इलावा जब डेरी पशुओं की बात आती है तो हरियाणा के डेरी पशु सबसे प्रसिद्ध हैं और सबसे महंगे भी बिकते हैं।
हरियाणा की वेशभूषा तथा खान पान :-
हरियाणा वासी खाने में दूध, दही, मक्खन, देसी घी, लस्सी का मुख्य रूप से सेवन करते हैं। इनका उत्पादन भी बड़े पैमाने पर होता है क्योंकि यहां की बनी चीज़ों में मिलावट कम होती है जिस कारण यहां की मिठाईयां भी बहुत मशहूर हैं। खासतौर पर घेवर जो त्योहारों के समय बनाया जाता है जिसे बच्चे बूढ़े सभी बड़े चाव से खाते हैं।
Haryana Day [Hindi]: हरियाणा के पर्यटक स्थल
हरियाणा के पर्यटन निगम की स्थापना सितंबर 1974 में कम्पनी एक्ट के तहत हुई थी। वर्तमान में श्री कंवर लाल जी पर्यटन मंत्री हैं।
Haryana Diwas [Hindi]: हरियाणा में हरि का निवास
धार्मिक दृष्टि से हरियाणा का प्राचीन एवम अर्वाचीन भारत में बहुत महत्व है। हरियाणा की धरती पर बहुत से नामी संतों का जन्म एवम कर्म स्थल रहा है जैसे संत ग़रीब दास, नित्यानन्द जी, स्वामी रामदेवानंद जी इत्यादि
हरियाणा नाम में “हरि” से ही स्पष्ट हो जाता है कि यहां हरि निवास करते हैं। परंतु वर्तमान समय ऐसा है कि अगर हरि स्वयं अवतरित हो कहें कि मैं भगवान हूँ तो भी कोई नही मानेगा। परन्तु सद्ग्रन्धों में ये भी प्रमाणित है कि भगवान मनुष्य के रूप में अवतरित होते हैं परन्तु अज्ञानतावश हम उन्हें पहचान नहीं पाते।
अन्य संतो की तरह इस पावन धरती पर मनुष्य रूप में संत रामपाल जी महाराज वो भगवान हैं जो संत रूप में प्रमाणों में वर्णित विधि साधना से सबको अवगत करवा रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज पूर्ण संत है जो स्वयं पूर्ण ब्रह्म हैं। भविष्यकर्ताओं द्वारा की गई भविष्यवाणियां उनपर सटीक बैठती हैं।
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